रामनगर का किला 18वीं शताब्दी में बनाया गया था, जो बनारस के राजा काशी नरेश बलवन्त सिंह द्वारा बनवाया गया था। यह वाराणसी जिले के रामनगर, उत्तर प्रदेश, गंगा नदी के तट पर स्थित है।
महाभारत काल में यहां ऋषि वेद व्यास का तपस्या का स्थान था।
किला 18वीं शताब्दी में ऋषि को समर्पित करने के लिए बनाया गया था। राजा काशी नरेश बलवन्त सिंह ने किले में विभिन्न मंदिर भी बनवाए।
किले के अंदर सरस्वती भवन नामक संग्रहालय है, जहां हैथियार, कला, और ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित हैं। संग्रहालय में खगोलीय घड़ी, पुरानी कारें, रज़ाईयाँ, और मुग़ल सामंजस्य दिखती हैं।
किला सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है, रविवार और सार्वजनिक छुट्टियों पर भी।
किले में प्रवेश के लिए स्थानीय लोगों के लिए 20 रुपये और विदेशियों के लिए 150 रुपये हैं।
अक्टूबर में किले की यात्रा का बेहतरीन समय है, जब रामलीला का प्रदर्शन होता है और किला रंगीन और जीवंत होता है। मानसून में, जुलाई से सितंबर तक गंगा नदी से नौका द्वारा किले तक पहुंचा जा सकता है।
बनारस, सोनभद्र, और मिर्ज़ापुर के पास अन्य ऐतिहासिक घूमने के अन्य स्थल है।