बुद्ध पूर्णिमा 2024: जानें इसकी तारीख, इतिहास, महत्व और उत्सव की पूरी जानकारी

बुद्ध पूर्णिमा 2024: वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। भगवान बुद्ध को विष्णु जी का नौवां अवतार माना गया है। इस बार बुद्ध पूर्णिमा कई शुभ योगों में मनाई जाएगी।

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत पुण्यदायी माना जाता है। वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा और बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

इस बार बुद्ध पूर्णिमा का पर्व गुरुवार, 23 मई को मनाया जाएगा। यह पर्व हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों के अनुयायी मनाते हैं।

बुद्ध पूर्णिमा को भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति, और महानिर्वाण के दिन के रूप में मनाया जाता है। वहीं, हिंदू मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने बुद्ध के रूप में अपना नौवां अवतार लिया था।

शास्त्रों के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल वैशाख पूर्णिमा तिथि पर बुद्ध जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा-अर्चना की जाती है।

वैशाख पूर्णिमा के दिन का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। इस वर्ष यह दिन गुरुवार, 23 मई 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन लोग सत्यनारायण कथा करते हैं, चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस पवित्र दिन पर उपवास रखते हैं, उन्हें दिव्य शक्तियां प्राप्त होती हैं और उनके घर पर माता लक्ष्मी का वास सदैव के लिए होता है।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन बोधगया में दुनियाभर से बौद्ध धर्म को मानने वाले आते हैं और बोधि वृक्ष की पूजा करते हैं। 

वैशाख पूर्णिमा पर पवित्र नदी के जल से स्नान के बाद घर में भगवान सत्यनारायण की पूजा और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा है। माना जाता है कि चंद्रमा को अर्घ्य देने से मानसिक शांति मिलती है और सुख-समृद्धि का वास होता है।

पूर्णिमा तिथि 22 मई को देर रात 06:47 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 23 मई को संध्याकाल 07:22 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। अतः 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।

बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima 2024 Muhurat)

वैशाख मास की पूर्णिमा को वैशाखी पूर्णिमा, पीपल पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा सभी में श्रेष्ठ मानी गई है। 

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व (Buddha Purnima 2024 Importance)

प्रत्येक माह की पूर्णिमा जगत के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को समर्पित होती है। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है।

बिहार के पवित्र तीर्थ स्थान बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। इसलिए हजारों श्रद्धालु पवित्र तीर्थ स्थलों में स्नान, दान कर पुण्य अर्जित करते हैं। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व माना गया है।

इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में पवित्र स्नान करें। जो लोग गंगा नदी स्नान के लिए नहीं जा सकते, वे घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाएं। 

वैशाख पूर्णिमा पूजा अनुष्ठान (Vaishakh Purnima 2024 Puja)

कुछ लोग इस दिन गंगा नदी में पवित्र स्नान के लिए हरिद्वार, ऋषिकेश और अन्य प्रमुख स्थानों पर भी जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि गंगा जल शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है।

इस दिन लोग भगवान चंद्र को अर्घ्य देते हैं और उनके वैदिक मंत्रों का जाप करते हैं। यह खास दिन दान-पुण्य के लिए भी फलदायी माना जाता है। 

पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्रों का दान करना चाहिए। इस दिन भक्त सत्यनारायण व्रत रखते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

पूर्णिमा का दिन बेहद खास माना जाता है, क्योंकि चंद्रमा की रोशनी सीधे पृथ्वी पर आती है, जिससे घर में समृद्धि और खुशी का वास होता है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन खिलाना चाहिए और वस्त्रों का दान करना चाहिए।

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