डिप्रेस्ड बच्चे अक्सर अपने आप को अकेला महसूस करते हैं और सामाजिक संबंधों से दूर रहते हैं।
उनका मूड बार-बार बदल सकता है, और वे अकसर उदास और थका हुआ महसूस कर सकते हैं।
उन्हें नींद की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अधिक या कम सोना।
डिप्रेस्ड बच्चे अक्सर खानपान में रुचिकर्षी खो सकते हैं, जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ता है।
वे अपने स्कूल जाने में रुचिकर्षी खो सकते हैं और उनकी पढ़ाई पर असर पड़ सकता है।
वे अपने दोस्तों या सोशल मीडिया से दूर रह सकते हैं और अक्सर अपने फोन या गैजेट्स का उपयोग नहीं करते हैं।
डिप्रेस्ड बच्चों में आपातकालीन वजन की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है और वे स्वस्थता की ओर से उदास रह सकते हैं।
वे अपने पसंदीदा शौकों या गतिविधियों में रुचिकर्षी खो सकते हैं और उन्हें उसमें रूचि नहीं रहती।
उनके विचार अक्सर कमजोर और सकारात्मक नहीं हो सकते हैं, और वे अपने आत्मसमर्पण को खो सकते हैं।
डिप्रेस्ड बच्चे अपने दोस्तों और परिवार से दूर हो सकते हैं और उन्हें अपनी बातें शेयर करने में कठिनाई हो सकती है।