आम की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को बरतनी होगी कुछ सावधानी

इस साल आम की पैदावार में बड़ी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। खुशखबरी है कि इस बार आम के उत्पादन में लू का कोई असर नहीं होगा। 

भारत में आम की उत्पादन के लिए यह साल काफी अच्छा होने की संभावना है। किसानों को सिंचाई और पोषण का विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

आईसीएआर-केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान के निदेशक टी दामोदरन ने बताया कि इस साल भारत में आम की पैदावार में लगभग 14 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलेगी।

आम की उत्पादन में बढ़ोतरी:

मौसम विभाग ने अप्रैल-मई में लू की संभावना जताई है, लेकिन इसका आम पर कोई प्रभाव नहीं होगा।

लू का कोई असर नहीं:

किसानों को फलों के अत्यधिक गिरने को कम करने के लिए मई के दौरान सिंचाई का ध्यान रखना चाहिए।

खेतों की सिंचाई का ध्यान:

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गर्मी की लहरों के तीव्र दौर की भविष्यवाणी की है, जिससे कुछ दिनों तक अधिक गर्मी की संभावना है।

गर्मी की लहरों की भविष्यवाणी:

दक्षिण भारत में आम का उत्पादन बढ़ रहा है, जो देश के कुल उत्पादन में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

दक्षिण भारत में अधिक प्रोडक्शन:

आम भारत में एक महत्वपूर्ण फल की फसल है और भारत विश्व में आम का प्रमुख उत्पादक देश है।

आम का उत्पादन भारत में:

आम को फलों का राजा कहा जाता है और यह भारतीय खाद्य संस्कृति में अहम भूमिका निभाता है।

आम का महत्व:

आम में फल लगने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब उत्पादन की तेजी से वृद्धि हो रही है।

फल लगने की प्रक्रिया:

किसानों को आम की पैदावार को बढ़ाने और उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए सही सलाह और निर्देशिका प्राप्त करनी चाहिए।

संबंधित सलाह:

आम की उत्पादन में इस साल बढ़ोत्तरी का संकेत है, जो आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से एक अच्छी खबर है।

उत्पादन में वृद्धि का अच्छा संकेत:

सरकार को कृषि नीतियों के माध्यम से किसानों को सहायता प्रदान करनी चाहिए ताकि उत्पादन में और वृद्धि हो सके।

कृषि नीतियों का उपयोग:

कृषि और मौसम विभाग को नियमित रूप से स्थिति का मूल्यांकन करते रहना चाहिए ताकि किसानों को सही समय पर आवश्यक सलाह और निर्देश मिल सके।

स्थिति का मूल्यांकन:

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