सबसे पहले, काजू उत्पादन के लिए उपजाऊ और सुखद भूमि में बागवानी की जाती है। यहां पेड़ों को सही ढंग से पाला जाता है ताकि वे सही मात्रा में पोषित हों और उत्तम फल दें।
फिर, काजू के पेड़ों से बरीक़ सी कटाई की जाती है। यह ध्यानपूर्वक किया जाता है ताकि प्रत्येक फल सही रूप से हरी और स्वस्थ हो।
उपजाऊ काजू को टूटने से बचाने के लिए, उन्हें सावधानीपूर्वक निकाला जाता है। इसमें धीरे-धीरे काम करना आवश्यक है ताकि कोई भी काजू बिना किसी नुकसान के बाहर न गिरे।
अब, कच्चे काजू से उनकी बाहरी कोटिंग निकाली जाती है, जिसे हुआरी कहा जाता है। इससे उन्हें अधिकतम स्वाद और पौष्टिकता मिलती है।
निकाली गई कोटिंग के बाद, काजू को सुखाने के लिए धूप में रखा जाता है। यह सुखाने की प्रक्रिया उन्हें और भी स्वादिष्ट बनाती है और उनकी शेल को सुखाने के लिए उपयुक्त बनाती है।
अंत में, सुखे हुए काजू को सुरक्षित और स्वच्छ पैकेजिंग में बटोरकर बाजार पहुंचाया जाता है। इससे वे उपभोगकर्ताओं तक फ्रेश और टेस्टी रूप में पहुंचते हैं।