‘द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ के नाम से जानी जाती है 'Kumbhalgarh Fort' की दीवारें

'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' कहलाती है Kumbhalgarh Fort, जिसकी दीवारें 15 साल में बनकर तैयार हुईं। इस राजस्थान के खूबसूरती का कोई सामान्य तुलना नहीं कर सकता है।

यहां की अनूठी परंपराएं और रंग-बिरंगी संस्कृति लोगों को हमेशा से ही आकर्षित करती रही हैं। इस किले का इतिहास बहुत शानदार है और यह कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आधारित है। 

Kumbhalgarh Fort में एशिया की दूसरी सबसे लंबी दीवारें हैं, जो चीन की ग्रेट वॉल के बाद आती हैं।

1. दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवारें:

इस किले का नाम महाराणा प्रताप के जन्मस्थान के रूप में भी जाना जाता है, जो इतिहास में महत्वपूर्ण राजा थे।

2. महाराणा प्रताप का जन्मस्थान:

Kumbhalgarh को भारत के सबसे अभेद्य किलों में से एक माना जाता है, जिसमें सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएं शामिल हैं।

3. अभेद्य किला:

कुंभलगढ़ किले में सात प्रवेश द्वार हैं, जिनमें अरेट पोल, हनुमान पोल, राम पोल, विजय पोल, निंबू पोल, पाघरा पोल, और टॉप खाना पोल शामिल हैं।

4. प्रवेश द्वार:

किले के परिसर में स्थित बादल महल से आपको चारों ओर का शानदार दृश्यमान होता है।

5. बादल महल:

कुंभलगढ़ किले में 360 से अधिक मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर।

6. श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर:

इस किले को इसके ऐतिहासिक महत्व के कारण 2013 से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मान्यता प्राप्त है।

7. यूनेस्को विश्व धरोहर:

महाराणा कुंभा द्वारा बनाए गए इस किले को उनके आधिकारिक आवास के रूप में भी जाना जाता है।

8. आधिकारिक भूतपूर्व राजा का आवास:

कुंभलगढ़ किले के पास स्थित आलासी सागर एक प्राकृतिक सौंदर्य स्थल है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।

9. आलासी सागर:

शाम के समय, किले में आयोजित होने वाले लाइट और साउंड शो से यात्री इसके इतिहासिक पृष्ठभूमि का आनंद ले सकते हैं।

10. लाइट और साउंड शो:

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