किसान आंदोलन 2.0? जानें कुछ मुख्य बातें !

किसान फिर से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं, जिसमें किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का दावा है कि उनके साथ 100 से अधिक किसान संगठन जुड़े हैं। 

संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के साथ 150 संगठन भी आंदोलन में शामिल हैं, इससे यह साबित होता है कि यह एक समृद्ध संगठनित प्रदर्शन है.

आंदोलन के दौरान किसानों ने कई मांगें रखी हैं, जैसे कि MSP पर किसानों की फसलों की खरीद, कर्ज माफी, लैंड एक्विजिशन एक्ट में सुधार, नौकरी और मुआवजा दिलाने के लिए न्यूनतम वित्तीय सुरक्षा.

किसानों की मांगें:

1: MSP पर किसानों की फसल खरीदी जाए और कर्ज को माफ किया जाए। 2: लैंड एक्विजिशन एक्ट ऑफ 2013- अगर जमीन बेची जाती है तो कलेक्टर का जो रेट रहता है, इससे चार गुना ज्यादा मुआवजा दिया जाए। 

3: इसके साथ अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ाने वाले आरोपियों को सजा दी जाए। 4: वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन से भारत निकल जाए और जितने भी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किए हैं, उनको रोक दिया जाए। 

5: किसानों और फॉर्म लेबर्स के लिए सरकार पेंशन तय करें। 6: दिल्ली के हुए पहले आंदोलन के दौरान मृत किसानों को मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार में से किसी भी एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए। 

7: इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 को खत्म किया जाए। 8: नरेगा के तहत 1 साल के अंदर 100 दिनों की अपॉइंटमेंट गारंटी को 200 दिन किया जाए और एक दिन की मजदूरी को ₹700 किया जाए. इसके साथ ही इस स्कीम को किसानसे जोड़ा जाए। 

9: नकली बीज, पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर उनके ऊपर जुर्माना लगाया जाए। 10: सरकार बीज क़्वालिटी को बेहतर करें। 

11: मिर्च और हल्दी के लिए नेशनल कमीशन बनाया जाए। 12: किसानों के लिए पानी, वन और जमीन को लेकर उनका हक, उनको मिलता रहे। 

मांगों पर सरकार का रुख:

केंद्र सरकार ने मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर को डिमांड ईमेल भेजकर किसानों की मांगों पर विचार करने की तैयारी जताई है। 

प्रदर्शन की तैयारी:

किसानों ने 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद करने का ऐलान किया है, जिससे वे अपनी मांगों को सुनिश्चित करने के लिए प्रदर्शन करेंगे। 

राजनीतिक समर्थन:

कुछ राजनीतिक पार्टियों ने आंदोलन को समर्थन दिया है, जिसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं। 

राज्यों के बीच सीमाएं बंद:

हरियाणा, पंजाब, और राजस्थान सरकारें ने अपने राज्यों के बीच सीमाएं बंद कर दी हैं, जिससे आंदोलन की समर्थन देने वाले किसानों को बाधित किया जा रहा है। 

प्रशासन ने 12 लेयर का बैरिगेट तैयार किया है और दिल्ली के आस-पास के कुछ इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। 

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