होली का त्योहार देश भर में बड़े ही धूम-धाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। रंगों के त्योहार होली के एक दिन पहले होलिका जलाई जाती है।
होलिका दहन का पर्व फाल्गुन मास को मनाई जाती है और इस दिन की विशेष धार्मिक महत्वपूर्णता है।
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा की रात को होलिका का दहन किया जाता है, जो होली से एक दिन पहले होता है।
होलिका दहन का इतिहास अद्भुत है, जिसमें हिरण्यकश्यप राजा, उनके पुत्र प्रह्लाद, और होलिका की कथा शामिल है।
इस साल होलिका दहन 24 मार्च को रात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
सुबह स्नान करके विशेष पूजा सामग्री के साथ होलिका की दिशा में मुख करके मंत्रों का जाप करना है। जो हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का परिचय कराता है।
होली के दिन, लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं, और एक-दूसरे के साथ गले मिलते है इससे चारों ओर आनंद का महौल होता हैं।
होली भारतीय संस्कृति में अपने रंगीन और मिलनसार आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है, जो मित्रता और प्रेम की भावना को प्रतिष्ठित और प्रदर्शित करता है।