कई बीमारियों का चमत्कारी इलाज है सड़क किनारे पाए जाने वाला ये फूल 

आयुर्वेद चिकित्सा में सेमल के कांटे, मोचरस, जड़ एवं सेमल की छाल का अधिक प्रयोग किया जाता है।

इसके नए पेड़ की जड़ को मूसल नाम से पुकारा जाता है। जिसका प्रयोग शक्तिवर्धक औषधि के रूप में प्रमुखता से किया जाता है।

इस पेड़ से निकलने वाली रुई के गद्दे एवं तकिए ही भरे जा सकते हैं। इन्हें काता नहीं जा सकता इसकी रुई से बना तकिया यूज करने से थकान, माइग्रेन और आंखों की कमजोरी कम होती है। 

सेमल के पौधे में एक प्रकार का गोंद निकलता है, जिसे मोचरस कहा जाता है, और इसे आयुर्वेद में शक्तिवर्धक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।

सेमल की जड़ महिलाओं की गंभीर वजाइनल डिस्चार्ज और पुरुषों की फर्टिलिटी को बढ़ाने में मददगार होती है।

सेमल के फूल और फल खून को साफ करने में मदद करते हैं और रक्त संबंधी समस्याओं को ठीक करने में सहायक होते हैं।

सेमल में एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो खांसी और मुंहासों को दूर करने में मदद करते हैं।

सेमल की जड़ के पाउडर का सेवन करने से ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बढ़ सकता है।

सेमल के फूल में एंटीएजिंग क्षमता होती है, जो त्वचा को उम्र के निशानों से बचाने में मदद करती है।

सेमल के फूल का इस्तेमाल पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं में लाभकारी होता है।

सेमल के पौधे औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

सेमल की जड़, पत्तियाँ और फूल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में उपयोगी होते हैं।

सेमल के उपयोग से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का प्राकृतिक उपचार किया जा सकता है।

10 Lines on Beas River